शनिवार, 22 अगस्त 2009

अब तुम कहो...

अब हम नहीं रहे तुम्हारे,
पर तुम अब भी हो हमारे,
तुमने कहा हमसे भुला दें तुम्हें
लो अब हमने भुला दिया तुम्हें
पर ये तो बता दो हमें
हमने तो कुछ कहा नहीं तुमसे
अब तुम कहो
क्या हमें भुला दिया तुमने?

6 टिप्‍पणियां:

Vipin Behari Goyal ने कहा…

भुलाने की हर कोशिश नाकामयाब रही होगी

बहुत सुंदर

Vipin Behari Goyal ने कहा…

भुलाने की हर कोशिश नाकामयाब रही होगी

बहुत सुंदर

Mithilesh dubey ने कहा…

क्या बात है, लाजवाब रचना। बधाई

Udan Tashtari ने कहा…

सही है!

हें प्रभु यह तेरापंथ ने कहा…

बहुत सुंदर भुलने भुलाने वाली बाते।

गणेशचतुर्ती पर हार्दिक मगलकामनाऍ।
आभार!

यह पढने के लिये किल्क करे।
हिन्दी ब्लोग जगत के चहूमुखी विकास की कामना सिद्धिविनायक से

मुम्बई-टाईगर
SELECTION & COLLECTION

sanjay vyas ने कहा…

अच्छी है, सरल सीधी उतरती हुई.