गुरुवार, 26 जनवरी 2012

ये दिल बेचारा

कुछ कहा नहीं जाता
कुछ सहा नहीं जाता
क्या करे दिल ये बेचारा
तुम बिन जिया नहीं जाता
दिल ही ने दूर किया
अब दिल ने ही मजबूर किया
हर फिक्र को छोड़
हर फर्क को मिटाकर
ये प्यार बस तुम्हारे पास जाना चाहता !

बुधवार, 25 जनवरी 2012

यादों से प्यार

(बस दिल किया कि प्यार के नाम दो लाइन लिखूं तो लिख दिया)

दिल के रंगीन पन्नों पर लिखा मैंने तेरा नाम
तुमने तो लिखा था कोरे कागज पर मेरा नाम
फिक्र नहीं की मिट गई वो कागज पर की स्याही
फिक्र है दिल पर लिखे नाम को मिटाऊं कैसे
नाराज नहीं तुमसे कि तुम मुझसे दूर चले गए
नाराज हूं खुदसे तुमसे दूर होकर भी करीब हूं तुझसे
नाता नहीं तुम्हें मेरे प्यार से
पर नाता है मेरा तेरे प्यार से
कभी करती थी तुम्हारे प्यार पर राज
आज करती हूं तुम्हारी यादों से प्यार।

शनिवार, 21 जनवरी 2012

प्यार का साया

( आज अपनी दोस्त सब्बी के साथ किताबों के उन्न पन्नों को खोला जो मैंने बंद कर रखा है)


दिल के समंदर में
वो यादों की लहर
फिर खा रही हैं हिचकोले,
न दूर तक का कोई किनारा
और न ही हवा के रूख का कोई सहारा
न जाने तेरी य़ाद ने क्यों ली अंगड़ाई
जिंदगी की लड़ी थोड़ी सी डगमगाई
काश किस्मत को वो प्यार गंवारा होता
इस दिल को किसी और का सहारा न होता
जिंदगी पर वक्त का साथ होता
हमारे साथ अपने प्यार का साया होता
इकरार है हमें नहीं है कोई इंकार
आज भी है प्यार का साया हमपर
पर हम बन गए हैं किसी और के प्यार के साय़े।