शनिवार, 15 अगस्त 2009

कितना मुश्किल है....

(प्यार जब पहली बार और सिर्फ पहली बार,वो भी पूरे दिल से किसी से होता है,तब कैसा महसूस होता है,प्यार के इकरार से पहले तक के दरम्यान को लफ्जों में पिरोने की एक कोशिश).....

किसी से दिल लगाना कितना मुश्किल है
तो प्यार को उनसे छुपाना और भी मुश्किल

आंखों की जुबां वो समझ नहीं सकते
होठों की जुबां हम कह नहीं सकते
प्यार से प्यार को जताना कितना मुश्किल है

निगाहें ढूंढ़ती हैं हमेशा उन्हें
नजरें मिलती भी है अक्सर उनसे
उस प्यार में नजरों को चुराना कितना मुश्किल है

सोचकर डरते हैं कहीं खो न दे उन्हें’
गर पाया नहीं तो खोना भी नहीं चाहते उन्हें
इस प्यार में प्यार को पाना कितना मुश्किल है

दर्द का एहसास होता है हमें
जब हम होते हैं तन्हा
प्यार में जज्बातों को बता पाना कितना मुश्किल है

प्यार एक मीठा एहसास है
तो प्यार एक मीठा दर्द भी
प्यार में प्यार को समझ पाना और भी मुश्किल

पर हमने भी माना है प्यार को बड़े प्यार से
चाहे जितनी भी हों मुश्किलें
निभाएंगे प्यार बिना किसी शिकवा शिकायत के।।।।।

1 टिप्पणी:

समय ने कहा…

अहसासात की भावुक जुगलबंदी।
आपको निमंत्रण है, प्रेम लेबल के अंतर्गत समय की बकवास पढें।
प्रेम को महसूस किया है, जिया है।
अब जरा इस पर सोचें भी, माथापच्ची करें।
इसे और उदात्त, और गंभीर करें।