बुधवार, 25 अप्रैल 2012

नहीं कोई अब आऱजू

(जब किसी से बेइंतहा मोहब्बत हो, और मोहब्बत बेवफा निकले)

मोहब्बत के रंगीन पनाहों में
कैद हुए इश्क के दरबार में
खुशनुमा ख्वाबों के साए में
दीवाने हुए तेरी मोहब्बत में

नादान दिल को नहीं कोई अब आऱजू

ख्वाब तुम्हीं से था, प्यार तुम्हीं से था
हर लफ्जों पर इकरार तुम्हीं से था

जाने  कैसा जादू किया
तुम बिन जीना दुशवार हुआ
जिंदगी को  हम गंवारे नहीं
हमें तुमने संवारे नहीं

नादान दिल को नहीं कोई अब आऱजू

वफा की चादर ओढ़े छेड़ती हैं तुम्हारी यादें
बेवफाई का दर्द देती हैं तुम्हारी यादें

वफा की लाज की खातिर
हमने दिल  को समझाया, दिल ने हमें
दर्द- ए - प्यार का मौसम आया
मगर जिनको आना था नहीं आए

नादान दिल को नहीं कोई अब आऱजू ।


शुक्रवार, 13 अप्रैल 2012

जियो जी भरके

                                 
                       कभी कभी सोचते हैं काश  हमारे पास कोई जादुई शक्ति होती जिससे हम अपनी जिंदगी को Best बना लेते। हर तरफ सिर्फ और सिर्फ खुशियां होती, दुखों के लिए कोई जगह नहीं होता । लेकिन ऐसा नहीं है । किसी ने कहा है - एक जंग ही सही मोहब्बत है जिंदगी, कुदरत ने जो बख्शी वो नैमत है जिंदगी...मानो न मानो  ऐ दोस्तो मगर....खुदा की दी हुई अमानत है जिंदगी।’’ क्या है जिंदगी इस सवाल पर कई जवाब होंगे। यूं तो जिंदगी को जीने के लिए हर किसी का नजरिया अलग होता है । प्यार में डूबे लोगों के लिए मोहब्बत है जिंदगी, तो नाकाम लोगों के लिए अभिशाप है जिंदगी। बच्चों के लिए खिलौना है जिंदगी तो मां बाप के लिए responsibility है जिंदगी। खुले आसमान में उड़नेवाले परिंदों के लिए उड़ान भरने का नाम है जिंदगी। किसी के लिए बसंत बयार है जिंदगी तो किसी के लिए पतझड़ का मौसम है जिंदगी। खुदा ने सबकुछ तय करके इस जिंदगी को हमारे लिए तोहफे के रुप में दिया
                           
                         खैर आपका नजरिया जो भी हो, लेकिन कुछ लफ्जों में जिंदगी को बांधना बहुत मुश्किल है। इंसान के पैदा होते ही हर शख्स जिंदगी और मौत के साथ रिश्ता जोड़ लेता है। मौत को जब आना होगा तब आएगी लेकिन जब ऊपर वाले ने एक बार एक खूबसूरत जिंदगी दी है तो खुशी से और जिंदादिली से जीयो। जिंदगी के हर लम्हें को 'सेलिब्रेट' करके जीने की कोशिश करो। कहने की जरूरत नहीं कि जिंदगी में सुख दुख का आना जाना लगा रहेगा। जिसका सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।वो जिंदगी भी क्या जिसमें जीने का मजा न हो और जीने का मजा लेने के लिए उतार चढ़ाव और जिंदगी के हर रंग को देखना ही होगा।
                    खुशी से जीने का हक सबको है। हां दुनियादारी की बातें हमें उलझाने की कोशिश करती हैं । आप सोच रहे होंगे कि मुसीबत और दुःख तकलीफों के के बीच कोई भला कैसे खुश रह सकता है, बुरे वक्त में अच्छे-अच्छे घबरा जाते हैं। हां हालात कभी कभी बहुत ही नाजुक हो जाते है लेकिन उस बुरे वक्त का डटकर मुकाबला करने से पीछे नहीं हटना चाहिए। मुसीबत की हर बाधा को पार करने के बाद होठों पर की मुस्कुराहट और दिल को जो सूकून मिलता है उसको बयां करना बहुत मुश्किल । दरअसल, यह बात भी आपके सोचने के नजरिए पर है। यदि आप कठिनाइयों को सकारात्मक ढंग से लेंगे तो आपको उस दौर में बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। उस दौर के गुजरने के बाद आप पहले से कहीं अधिक मजबूत बनकर निकलेंगे, तो इसमें भी खुश होने की वजह  है   ।       
                    
                      आप अपनी जिंदगी में आने वाले हर वक्त को दिल से स्वीकार कर जिंदगी के मजे लूटिए, आनंद मनाइए। छोटी-छोटी चीजों में खुशी तलाशिए। ईश्वर ने हमें जिंदगी खुशी से बिताने के लिए दिया है इसलिए हम सभी को कोशिश करना चाहिए कि हम किसी के दुख का कारण बनने के बजाय सबके लिए खुशी की वजह बनने की कोशिश करें। आप दूसरों को खुशी देकर भी खुशी पा सकते हैं । एक प्यारी-सी मुस्कान और मदद का हाथ बढ़ाकर भी आप खुश हो सकते हैं। प्रार्थना कीजिए, ध्यान लगाइए इससे आपके मन को शांति मिलेगी। शांत मन दुःख आने पर भी विचलित नहीं होगा, बल्कि अपने दुःखों से पार पाने की शक्ति देगा। हर पल, हर लम्हा, हर दिन खुश रहिए, वरना इस सुपरफास्ट दुनिया में आधुनिक होती जीवन शैली में खुशी को ढूंढते रह जाएंगे।                    
                       
                     मेरे दोस्तो जाते जाते कहना चाहूंगी जिंदगी जीय़ो जी भर के क्योंकि ये जिंदगी फिर न मिलेगी दोबारा।

सोमवार, 9 अप्रैल 2012

प्यार तो फिर भी है

(जब कोई प्यार के आंसुओं की कद्र नहीं करता)

लफ्जों में छुपा दर्द
बना कतरा आंसू का
तुमको लगा ऐसा
पानी की बूंदें हैं
सलीके से बह जाने दो
अब नहीं है कोई ख्वाब
हर आरजू में तुमको देखा
निगाहों को नहीं अब
किसी अपनों की तलाश
मोहब्बत ने छोड़ा हाथ
गमों ने अपनाया साथ
अल्फाजों को चुनती हूं
दर्द-ए-बयां के लिए
काश ये न कहना पड़े
न तुम आते
न प्यार होता
इन आंखों को कभी
तेरा  न इंतजार होता ।

सोमवार, 2 अप्रैल 2012

जिंदगी के सफर में

( मैं आज कुछ चीजों को लेकर परेशान हूं...किसी भी चीज में मन नहीं कर रहा है...तो सोचा मेरे दिल का बोझ कुछ हल्का कर लूं )

जिंदगी के सफर में
कुछ राहें हैं अनजान
डर लगता है
कहीं कुछ हो न जाए
सफर तो तय करना है
चाहे जो कुछ भी हो अंजाम
मंजिल है मेरी
इस रास्ते के अंतिम मोड़ पर
लिया खुदा का नाम
और निकल पड़े
अजनबी डगर  पर
चाहे जो कुछ भी हो अंजाम
सुनसान सड़क पर
मेरे सिवा सिर्फ थी मेरी परछाई
पर हिम्मत न खोई मैंने
लिया खुदा का नाम
चाहे जो कुछ भी हो अंजाम.....

(अभी ये सफर अधूरा है..जब पूरा हो जाए.. तब अंजाम के बारे में लिखूंगी )