बेमौसम याद ने उनकी
खूब रुलाया हमको
मजबूरियां ओढ़ रखी थी
वरना
भीगने की ख्वाहिश
थी थोड़ी सी मेरी !!!
एंजेला "गुड्डू"
16 जून 2020
#thoughts_from_me ✒️
#poetic_heart_✍️_❤️
कई बार ऐसा होता है कि हम अपने दिल की बात किसी से कह भी नहीं पाते और दबी जुबां बस यही सोचा करते कि,काश हम अपने दिल की बात कह गए होते,बस उन्हीं जज्बात को शब्दों में पिरोकर यहां सहेजे हुए हैं,हम हमेशा से अपनी भावनाओं को लोगों के सामने रखने से डरते आए हैं,बस ये सोचकर कि पता नहीं लोग क्या सोचेंगे...लेकिन कब तक..और आखिर में थाम लिया इस गुमनाम गलियारे का सहारा.....वैसे भी अंधेरी गलियों में लोगों का आना जाना कम होता है..लेकिन आप जो कोई भी आएंगें इस गलियारे में,तहे दिल से स्वागत एवं आभार...Anjel