(जब किसी से बेइंतहा मोहब्बत हो, और मोहब्बत बेवफा निकले)
मोहब्बत के रंगीन पनाहों में
कैद हुए इश्क के दरबार में
खुशनुमा ख्वाबों के साए में
दीवाने हुए तेरी मोहब्बत में
नादान दिल को नहीं कोई अब आऱजू
ख्वाब तुम्हीं से था, प्यार तुम्हीं से था
हर लफ्जों पर इकरार तुम्हीं से था
जाने कैसा जादू किया
तुम बिन जीना दुशवार हुआ
जिंदगी को हम गंवारे नहीं
हमें तुमने संवारे नहीं
नादान दिल को नहीं कोई अब आऱजू
वफा की चादर ओढ़े छेड़ती हैं तुम्हारी यादें
बेवफाई का दर्द देती हैं तुम्हारी यादें
वफा की लाज की खातिर
हमने दिल को समझाया, दिल ने हमें
दर्द- ए - प्यार का मौसम आया
मगर जिनको आना था नहीं आए
नादान दिल को नहीं कोई अब आऱजू ।
मोहब्बत के रंगीन पनाहों में
कैद हुए इश्क के दरबार में
खुशनुमा ख्वाबों के साए में
दीवाने हुए तेरी मोहब्बत में
नादान दिल को नहीं कोई अब आऱजू
ख्वाब तुम्हीं से था, प्यार तुम्हीं से था
हर लफ्जों पर इकरार तुम्हीं से था
जाने कैसा जादू किया
तुम बिन जीना दुशवार हुआ
जिंदगी को हम गंवारे नहीं
हमें तुमने संवारे नहीं
नादान दिल को नहीं कोई अब आऱजू
वफा की चादर ओढ़े छेड़ती हैं तुम्हारी यादें
बेवफाई का दर्द देती हैं तुम्हारी यादें
वफा की लाज की खातिर
हमने दिल को समझाया, दिल ने हमें
दर्द- ए - प्यार का मौसम आया
मगर जिनको आना था नहीं आए
नादान दिल को नहीं कोई अब आऱजू ।
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