गुरुवार, 23 जुलाई 2009

रहना है तेरे दिल में....

कैसे मैं कहूं तुझसे, रहना है तेरे दिल में...
कैसे मैं कहूं तुझसे, रहना है तेरे दिल में...

फिल्म रहना है तेरे दिल में का ये सैड सॉन्ग हमें बहुत पसंद है। इसकी सिर्फ ये ही एक वजह नहीं है कि ये सॉन्ग बहुत टचिंग है, बल्कि ये दो लाइन हमारी जिंदगी से भी होकर गुजरती है। पहले इस गाने के बोल के मायने हम समझते नहीं थे। लेकिन हमारी जिंदगी में कुछ ऐसा हुआ कि.....अब जब भी इस गाने की धुन हमतक पहुंचती है या फिर कभी याद आ जाती है, तब तब हमें एक मीठा दर्द का एहसास होता है। जो किसी की याद में एक तड़प छोड़ जाती है। इस तड़प में प्यार की जो चुभन होती है वो कुछ पलों के लिए हमारे होठों को बेजुबान और आंखों को नम कर देती है। और पलभर के लिए जिंदगी की किताब को पलटना शुरु कर देते हैं जहां एक चैपटर हमारे प्यार का। प्यार के इस चैपटर में कई पन्ने हैं जहां पर एक पन्ना यादों की गलियारों में लहराता हुआ वर्तमान में ला खड़ा करता है। हम ये सोचने पर मजबूर हो जाते है कि हम अपनी जिंदगी में सही कर रहे हैं या फिर गलत। कभी कभी तो लगता है कि हां हम सही कर रहे हैं पर .....कभी कभी लगता है कि नहीं हम अपने ही साथ ऐसा क्यूं कर रहे हैं। बात हम अपने प्यार की कर रहे हैं। हमें पता है कि वक्त हमारी सोच से काफी आगे निकल चुकी है ।लेकिन बार बार हम एक ही बात पर ठहर क्यूं जाते हैं। हमें मालूम है कि दिल कुछ और कहता है और दिमाग कुछ और।

खैर ये जो भी कहें....
पर हम तो यही सोचा करते हैं...
कैसे मैं कहूं तुझसे....
रहना है तेरे दिल में....

1 टिप्पणी:

वरुण झा ने कहा…

ज़िन्दगी हमे बहुत कुछ सिखाती है. बस उस लम्हे का इंतजार किज़िये....