गुरुवार, 29 मार्च 2012

अब तो हमेशा ही बात होगी

(रवि...यही नाम है उनका, लेकिन हम उन्हें रवि दा के नाम से बुलाते हैं, जिंदगी की इस भीड़ में अचानक हमारी मुलाकात हुई, लेकिन एक पल के लिए भी ये नहीं लगा कि ये रिश्ता नया है, बल्कि इस रिश्ते में एक अपनापन महसूस हुआ, बस उसी रिश्ते के नाम।)

जिंदगी की भीड़ में
उनसे यूं मुलाकात हुई
पल भर के लिए लगा
ठहर गई रात
अब तो फिर कभी नहीं बात होगी

वक्त के घरौंदों में मशगूल
हम बेफिक्र हो कर चल दिए
लेकिन कसक तो थी
ठहर गई रात
अब तो फिर कभी नहीं बात होगी

रिशतों की दुनिया में
हमारी किस्मत थी मेहरबां
सोचा न था मिल गए आप
ठहर गई रात
लेकिन अब तो हमेशा ही बात होगी

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