तुमसे कहने की कई बार कोशिश की थी मैंने
पर तुमने कोशिश ही नहीं की समझने की
जताना चाहती थी
चाहती थी एहसास दिलाना
पर तुम मेरे साथ नहीं थे
पास होकर भी थे कोसो दूर
मुझे खुद पर रोना आया
हालात को भी दो चार सुनाया
पर वो वक्त शायद मेरी किस्मत में नहीं
चलो ये वक्त भी गुजार लिए
वो वक्त भी बिता दिए
जिंदगी यूं ही जीते चले जाएंगे
पर तुमने कोशिश ही नहीं की समझने की
जताना चाहती थी
चाहती थी एहसास दिलाना
पर तुम मेरे साथ नहीं थे
पास होकर भी थे कोसो दूर
मुझे खुद पर रोना आया
हालात को भी दो चार सुनाया
पर वो वक्त शायद मेरी किस्मत में नहीं
चलो ये वक्त भी गुजार लिए
वो वक्त भी बिता दिए
जिंदगी यूं ही जीते चले जाएंगे
1 टिप्पणी:
shaayad ishi ka naam hai zindagai....aur hum ishe aise he jeete chale jaayenge...
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