बुधवार, 25 जनवरी 2012

यादों से प्यार

(बस दिल किया कि प्यार के नाम दो लाइन लिखूं तो लिख दिया)

दिल के रंगीन पन्नों पर लिखा मैंने तेरा नाम
तुमने तो लिखा था कोरे कागज पर मेरा नाम
फिक्र नहीं की मिट गई वो कागज पर की स्याही
फिक्र है दिल पर लिखे नाम को मिटाऊं कैसे
नाराज नहीं तुमसे कि तुम मुझसे दूर चले गए
नाराज हूं खुदसे तुमसे दूर होकर भी करीब हूं तुझसे
नाता नहीं तुम्हें मेरे प्यार से
पर नाता है मेरा तेरे प्यार से
कभी करती थी तुम्हारे प्यार पर राज
आज करती हूं तुम्हारी यादों से प्यार।

कोई टिप्पणी नहीं: